बेल के फायदे और नुकसान
बेल का नाम सुनते ही सबसे पहले हमें इसके जूस की याद आती है। गर्मियों में सड़क किनारे और बाजार में जूस के ठेलों पर इस फल का जूस तेजी से बिकना शुरू हो जाता है। हिंदू धर्म में भगवान शिव-पार्वती की पूजा के लिए बेल का उपयोग किया जाता है। गर्मी के दुष्प्रभाव और सेहत की हर समस्या के लिए बेल का प्रयोग रामबाण है। यह न केवल शरीर में ठंडक पैदा करेगा बल्कि आपको सेहत से जुड़े ऐसे लाभ देगा, जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। गर्मियों में रामबाण है बेल और उसका शर्बत। विटामिन सी की कमी के कारण लोग स्कर्वी रोग से ग्रस्त हो जाते हैं। इसके कारण पाचन क्रिया पर भी असर पड़ता है. बेल विटामिन सी का अच्छा स्त्रोत है। बेल का इस्तेमाल कई तरह की दवाइयों को बनाने में तो किया जाता है साथ ही ये कई स्वादिष्ट व्यंजनों में भी प्रमुखता से इस्तेमाल होता है। बेल में प्रोटीन, बीटा-कैरोटीन, थायमीन, राइबोफ्लेविन और विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। बेल एक प्रकार का फल होता है। इसका कच्चा फल हरे रंग की एक सख्त परत से ढका होता है। वहीं, यह पकने के बाद पीले रंग का हो जाता है और इसकी बाहरी परत सख्त रहती है। इसका वैज्ञानिक नाम एगेल मार्मेलोस है। इसे अंग्रेजी भाषा में वुड एप्पल और बिल्व के नाम से भी जाना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार बेल के अनगिनत फायदे हैं जिसके कारण औषधि के रूप इसका प्रयोग किया जाता है। गर्मियों में शरीर में पानी की कमी की पूर्ति के लिए फलों का सेवन करना भी काफी अहम रहता है। वहीं इस मौसम में फलों का जूस पीना भी काफी फायदेमंद साबित होता है। बेल गर्मियों का मौसमी फल है। बेल एक ऐसा पेड़ है जिसके हर हिस्से का इस्तेमाल सेहत बनाने और सौंदर्य निखारने के लिए किया जा सकता है। बेल के फल का जीवनकाल काफी लंबा होता है। पेड़ से टूटने के कई दिनों बाद भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
बेल के सेवन से आपको कई स्वास्थ्य समस्याओं से आराम मिल सकता है-
१. कॉलरा एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो दस्त का कारण बन जाता है। इससे बचने के लिए बेल फल का सेवन आपको फायदा पहुंचा सकता है। दरअसल, बेल फल में एंटी-डायरिया गतिविधि पाई जाती है। अगर इसके जूस का सेवन किया जाए, तो बेल फल की एंटी-डायरिया गतिविधि कॉलरा के जोखिम को कम करने में प्रभावी असर दिखा सकती है।
२. बेल की सूखी हुई जड़ को थोड़े जल के साथ गाढ़ा पीस लें। इसके पत्ते का पेस्ट बना लें। इसे मस्तक पर लेप करने से सिर दर्द से आराम मिलता है।
३. एक कपड़े को बिल्व के पत्ते के रस में डूबोएं। यह पट्टी सिर पर रखने से सिर दर्द में लाभ होगा।
४. गर्मी के दिनों में लू लगने का डर सबसे ज्यादा होता है। बेल का शर्बत बनाकर पीने से लू का खतरा नहीं होता और लू लग जाने पर यह दवा के रूप में कार्य करता है। तपते शरीर की गर्मी दूर करने में यह बेहद लाभकारी है।
५. बेल का रस तैयार कर लीजिए और उसमें कुछ कुछ बूंदें घी की मिला दीजिए। इस पेय को हर रोज एक निश्चित मात्रा में लें। इसके नियमित सेवन से दिल से जुड़ी बीमारियों से बचाव होता है। ये ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
६. पीलिया होने का एक कारण लीवर में सूजन होना माना जाता है। पीलिया से बचने के लिए बेल फल के फायदे देखे गए हैं। वैसे तो पारंपरिक तौर पर बहुत पहले से ही पीलिया के इलाज के लिए बेल का प्रयोग किया जा रहा है। वहीं, इस पर किए गए वैज्ञानिक रिसर्च में पाया गया है कि बेल के फल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो लीवर में होने वाली सूजन को कम कर पीलिया के उपचार में मदद कर सकते हैं।
७. बेल के पके फल को दो भागों में तोड़ लें। इसके अन्दर का मज्जा निकाल लें। एक भाग में तिल का तेल, तथा कपूर डाल लें। दूसरे भाग से पहले वाले को ढक दें। इस तेल को सिर में लगाने से जूं खत्म हो जाता है।
८. आयुर्वेद में बेल के रस को दस्त और डायरिया में बहुत फायदेमंद माना गया है। आप चाहें तो इसे गुड़ या चीनी के साथ मिलाकर पी सकते हैं।
९. शरीर में गर्मी अधिक बढ़ जाने पर आंव- दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन आधे कच्चे-पक्के बेलफल का सेवन करें या फिर बेल के शर्बत का सेवन करें। यह डायरिया रोग में काफी लाभप्रद है।
१०. स्वस्थ आंखों के जरिए ही हम अपने आसपास की खूबसूरती को देख पाते हैं। आंखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए बेल फल खाना फायदेमंद हो सकता है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि बेल फल में विटामिन-ए की मात्रा पाई जाती है। विटामिन-ए का सेवन आंखों की रोशनी को बेहतर करने में मदद कर सकता है।
११. रतौंधी में दस ग्राम ताजे बेल के पत्तों को 7 नग काली मिर्च के साथ पीस लें। इसे 100 मिली जल में छान लें। इसमें 25 ग्राम मिश्री या शक्कर मिलाकर सुबह-शाम पिएं। रात में बेल के पत्ते को जल में भिगो दें। इस जल से सुबह आंखों को धोएं।
१२. 10 मिली बेल के पत्ते के रस, 6 ग्राम गाय का घी, और 1 ग्राम कपूर को तांबे की कटोरी में इतना रगड़ें कि काला सुरमा बन जाए। इसे आंखों में लगाएं। इसके साथ ही सुबह गौमूत्र से आंखों को धोएं। इससे रतौंधी में लाभ होता है।
१३. बेल के रस को शहद के साथ मिलाकर पीने में एसिडिटी में राहत मिलती है। अगर आपको मुंह के छाले हो गए हैं तो भी इसका सेवन आपके लिए फायदेमंद रहेगा। गर्मी के लिहाज से ये एक बेहतरीन पेय है। एक ओर जहां ये लू से सुरक्षित रखने में मददगार होता है वहीं शरीर को अंदर से ठंडक देने का काम करता है।
१४. अगर आप एक नई मां हैं तो आपके लिए बेल का रस पीना बहुत फायदेमंद रहेगा। ये मां के स्वास्थ्य को बेहतर करने में तो सहायक है ही साथ ही ब्रेस्ट मिल्क प्रोडक्शन को भी बढ़ाता है।
१५. कई बार गर्मियों में आंखें लाल-लाल होने के साथ ही जलने लगती हैं। ऐसी स्थिति में बेल के पत्तों का रस एक-एक बूंद आंख में डालने से तुरंत लाभ होता है और इसका कोई नुकसान नहीं होता। इसे बात का ध्यान रखें कि रस में कचरा न हो। आंख के दर्द में बेल के पत्तों की लुगदी आंख पर बांधने से काफी आराम मिलता है।
१६. बवासीर की स्थिति में मलाशय के आसपास वाली नसों में सूजन आ जाती है और दर्द बना रहता है। बवासीर होने की मुख्य वजह में कब्ज की समस्या और लो फाइबर डाइट भी शामिल हैं। जैसा कि लेख में ऊपर बताया गया है कि कब्ज का इलाज करने और अच्छे फाइबर स्रोत के लिए बेल फल का सेवन किया जा सकता है। यह बवासीर से होने वाले जोखिम को कम कर सकता है।
१७. एनीमिया एक ऐसी स्थिति है, जिसके कारण आपके खून में रेड ब्लड सेल्स की कमी हो जाती है। एनीमिया का सबसे आम कारण आयरन का पर्याप्त सेवन नहीं करना है। वहीं, बेल के गूदे को खाकर हम आयरन की पूर्ति कर सकते हैं, क्योंकि बेल फल में आयरन की मात्रा पाई जाती है, जो एनीमिया को ठीक करने में मदद कर सकता है।
१८. बेल के कोमल पत्तों को स्वस्थ गाय के मूत्र में पीस लें। इसमें चार गुना तिल का तेल, तथा 16 गुना बकरी का दूध मिलाकर धीमी आग में पकाएं। इसे रोज कानों में डालने से बहरापन, सनसनाहट (कानों में आवाज आना), कानों की खुश्की, और खुजली आदि समस्याएं दूर होती हैं।
१९. नियमित रूप से बेल का रस पीने से ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका काफी कम हो जाती है।
२०. बेल के रस में कुछ मात्रा गुनगुने पानी की मिला लें।इसमें थोड़ी सी मात्रा में शहद डालें। इस पेय के नियमित सेवन से खून साफ हो जाता है।
२१. बेल का मुरब्बा शरीर की शक्ति बढ़ाता है और कमजोरी दूर करता है। यह पेट संबंधी समस्याओं में तो फायदेमंद है ही, बेल के गूदे को खांड के साथ खाने से आंत संबंधी रोग में राहत मिलती है।
२२. पेट में कीड़े होने पर तो इसके पत्तों का अर्क पिलाना कारगर उपाय है। छोटे बच्चों को प्रतिदिन एक चम्मच पका बेल खिलाने से शरीर की हड्डियां मजबूत होती हैं।
२३. बेल के पके फल को शहद व मिश्री के साथ चाटने से शरीर के खून का रंग साफ होता है और खून में भी वृद्धि होती है। वहीं इसके गूदे में काली मिर्च, सेंधा नमक मिलाकर खाने से आवाज भी सुरीली होती है।
२४. टीबी रोग से बचने के लिए भी बेल फल के फायदे देखे जा सकते हैं। एक मेडिकल रिसर्च में पाया गया है कि बेल फल में एंटी-माइक्रोबियल क्रिया पाई जाती है। अध्ययन में यह भी बताया गया कि टीबी रोग के लिए यह क्रिया प्रभावी रूप से कार्य करते हुए एम ट्यूबरकुलोसिस टीबी रोग के जिम्मेदार बैक्टीरिया) की वजह से होने वाले दुष्प्रभाव को कम कर सकती है।
२५. कभी-कभी अज्ञात कारणों से या चोट लगने के कारण हमारे शरीर के किसी अंग में सूजन आ जाती है। इससे आराम पाने के लिए बेल के फायदे लाभदायक हो सकते हैं। दरअसल, बेल में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं और ये गुण सूजन को कम करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर सकते हैं।
बेल खाने से आपको कई नुकसान हो सकते हैं-
कितना खाएं: एक बार में आप बेल की 100 ग्राम मात्रा का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कब खाएं: बेल को आप दिनभर में किसी भी समय खा सकते हैं। हालांकि, इसके शरबत और जूस का उपयोग दोपहर में ज्यादा किया जाता है। इसकी तासीर ठंडी होती है, इसलिए इसका सेवन गर्मियों में ही करना फायदेमंद होता है।
बेल का उपयोग इस प्रकार किया जा सकता है-
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