सांस लेने में दिक्कत तो आजमाएं ये उपाय
सांस लेने में दिक्कत हो तो करें कुछ घरेलू उपाय
आपको सांस लेने में तकलीफ होना या घुटन महसूस होना. कई बार यह समस्या गंभीर रूप धारण कर लेती है जिसके कारण इंसान की मृत्यु भी हो सकती है. यह बीमारी तब होती है जब मनुष्य के शरीर की गतिविधियों का असर उसकी क्षमता से अधिक बढ़ जाता है.इसमें ट्रॉन्सिल्स में सूजन और सांस लेने में तकलीफ के साथ गले में दर्द की समस्या बढ़ जाती है। इस समस्या को बिना दवा खाए ही हमेशा के लिए भगाया जा सकता है। इसके लिए घर में उपलब्ध कुछ चीजों का खाने में इस्तेमाल करना होगा।
खानपान में सुधार के जरिए जड़ से ठीक किया जाता है। जानकार बताते हैं कि सर्दी के कारण होने वाली इस तरह की समस्या के लिए गुड़ का सेवन रामबाण दवा की तरह काम करता है। गुड़ में बड़ी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो एंटीबायोटिक की तरह ही काम करते हैं। यह सेहत के लिए बेहद गुणकारी बताया गया है।
गुड़ को तिल, सोंठ के साथ मिलाकर बनाए गए पदार्थ को रोजाना सेवन करने से इस तरह की समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
सर्दी के मौसम में नियमित सुबह और शाम भोजन के साथ देसी गुड़ का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही उन्हें सुबह शाम उबले हुए नमकीन गुनगुने पानी से गले को साफ करना चाहिए। ऐसे लोगों को अदरख और गुड़ की बनी चाय पीनी चाहिए। इस दौरान दही, मट्ठा, शीतल पेय, अत्यधिक मीठी चीजें नहीं खानी चाहिए।
गहरी सांस लेने से आपके सांस फूलने की तकलीफ ठीक हो सकती है. इसके लिए सबसे पहले आप अपनी कमर के बल लेट जाएं और अपने हाथों को पेट के ऊपर रखें और अपनी मांसपेशियों को आराम दे. अब अपनी नाक की सहायता से आप गहरी सांसे ले और अपने पेट को आगे बढ़ाते हुए फेफड़ों को हवा से भर ले. इसके बाद आप अपनी सास को कुछ सेकंड के लिए रोककर धीरे-धीरे उसे मुंह से जुड़े और अपने फेफड़ों को खाली कर दे. ऐसा आप 5 से 10 मिनट तक दोहराते रहे. इस व्यायाम को दिन में दो से तीन बार दोहराने से आपकी सांस फूलने की समस्या हमेशा के लिए ठीक हो सकती है.
फैट्स वाले खाद्यपदार्थों के बजाए फल और सब्जियों का सेवन अधिक करें। इसके अलावा नट्स, बीज और मछली का सेवन फेफड़ों को मजबूती देता है। इनमें एंटीऑक्सिडेंट्स और ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है, जो फेफड़ों को हर तरह के संक्रमण से बचाता है। जिन चीजों से एलर्जी है, उनसे दूर रहें।
भाप की गर्मी और नमी भी फेफड़ों में जमा म्यूकस को तोड़ सकती है जिससे सांस लेने में हो रही दिक्कत कम हो सकती है। एक बर्तन में गर्म पानी भरें और उसमें पुदीने या यूकेलिप्टस ऑयल की कुछ बूंदें डालें। एक कपड़े से सिर को ढक कर इस बर्तन से थोड़ा ऊपर रख लें और पानी की भाप लें
अदरक के फायदे
चाय बनाने के लिए -
- एक चम्मच अदरक के टुकड़ों को दो कप उबलते पानी में डाल दें।
- फिर बर्तन को पांच से दस मिनट के लिए ढ़क दें।
- अब मिश्रण को छान लें और फिर शहद को उसमें मिला लें।
- फिर इस मिश्रण को पीयें।
- इसके साथ ही बलगम से छुटकारा पाने के लिए अदरक के टुकड़ों को भी आप चबा सकते हैं।
चुकंदर के फायदे-
- सबसे पहले एक मध्यम आकार के चुकंदर, तीन गाजर, मुट्ठीभर पालक और आधा शकरकंद को एक साथ मिलाकर मिक्सर में डाल दें। फिर इसे पी जाएं। पूरे दिन में इस मिश्रण को एक बार ज़रूर पीयें।
- इसके आलावा, एक या दो चुकंदर को छिलकों के साथ गैस पर रख कर भून लें। फिर चुकंदर को ठंडा करके, छीलकर उनपर नमक और मिर्च डालकर खा लें।
- इसके साथ ही, अपने आहार में और अधिक आयरन से समृद्ध खाद्य पदार्थ मिलाएं।
सौंफ के फायदे-
- सबसे पहले एक चम्मच सौफ को गर्म पानी में डाल दें।
- फिर पांच से दस मिनट के लिए उसे ढ़क कर रखें।
- सब मिश्रण को छान लें और इस सौफ की चाय को पूरे दिन में दो से तीन बार पीयें।
- आप सौफ को भूनकर उन्हें आराम-आराम से भी खा सकते हैं।
चलना और टहलना-
चलना, सांस फूलने की समस्या के लिए बेहद अच्छा इलाज माना जाता है। ये अधिक वजन वाले लोगों के बीच बेहद आम होता है। रोज़ाना चलने से आपका स्टैमिना सुधरता है और सांस फूलने की परेशानी में भी कमी आती है। इससे आपका वजन भी कम होता है। पूरे हफ्ते में 30 से 60 मिनट तक पांच बार चलें, इससे आपका मेटाबॉलिज्म और स्टैमिना दोनों बढ़ेगा।
खुली जगह में योग और मेडिटेशन करें, जिससे ताज़ा और शुद्ध हवा आपको मिल सके।
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