Giloy/गिलोय के औषधीय फायदे


                                                                 
               Giloy/गिलोय के औषधीय फायदे

गिलोय को गुडूची, अमृता छिन्नरुहा, चक्रांगी, गुर्च, मधुपर्जी, जीवन्तिका आदि नामों से भी जाना जाता है। गिलोय एक प्रकार की बेल है जो आमतौर पर जगंलों-झाड़ियों में पाई जाती है।गिलोय की बेल जिस पेड़ पर चढ़ती है उसके गुणों को भी अपने अंदर समाहित कर लेती है, इसलिए नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय की बेल को औषधि के लिहाज से सर्वोत्तम माना जाता है। इसे नीम गिलोय के नाम से जाना जाता है।  (giloy)

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गिलोय की पत्तियां दिखने में पान के पत्तों की तरह होती हैं और इसका रंग गाढ़ा हरा होता है।इसमें एंटी-पायरेटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑर्थरिटिक और एंटीऑक्सिडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं जैसे पाचन से संबंधित समस्याएं, इंफ्लेमेशन या सूजन, रक्त शोधन और दर्द आदि से छुटकारा दिलाता है।इसकी तासीर गर्म होती है। इसके फल मटर के बीज के समान दिखते हैं। इसका तना हरा, मांसल और गूदेदार होता है, जो देखने में किसी रस्सी के समान लगता है। गर्मी के दिनों में इस पर छोटे आकार के और पीले रंग के फूल नजर आते हैं, जो नर पौधे में गुच्छे के रूप में और मादा में अकेले मौजूद होते हैं। यही कारण है कि नर और मादा के रूप में गिलोय की पहचान इसके फूलों को देखकर की जाती है यह तैलीय होने के साथ साथ स्वाद में कडवा और हल्की झनझनाहट लाने वाला होता है। गिलोय के इस्तेमाल से सांस संबंधी रोग जैसे दमा और खांसी में फायदा होता है।इसे जीवनशैली का अंग बनाकर बहुत सारी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं इसके सेवन से बहुत सी बीमारियां दूर हो जाती हैं। आइये जानतें हैं गिलोय के फायदे हमें किन-किन स्वास्थ्य समस्याओं से बचा सकते हैं।  (giloy)

गिलोय के औषधीय फायदे –

1. पीलिया के मरीजों के लिए गिलोय लेना बहुत ही फायदेमंद है. कुछ लोग इसे चूर्ण के रूप में लेते हैं तो कुछ इसकी पत्तियों को पानी में उबालकर पीते हैं. अगर आप चाहें तो गिलोय की पत्तियों को पीसकर शहद के साथ मिलाकर भी ले सकते हैं. इससे पीलिया में फायदा होता है और मरीज जल्दी स्वस्थ हो जाता है।

2. पाचन में सुधार और आंत संबंधी समस्याओं के इलाज में गिलोय बहुत फायदेमंद है. रोजाना आधा ग्राम गिलोय के साथ आंवला पाउडर लेने से पाचन शक्ति मजबूत होती है. कब्ज के इलाज के लिए इसे गुड़ के साथ लेना चाहिए।  (giloy)

3. जिनकी आंखे कमजोर होती जा रही हैं, उन्हें गिलोय के रस में आंवले का रस मिलाकर पीना चाहिए। इससे आपकी आंखों की कमजोर होती रोशनी मजबूत बनेगी।

4. गिलोय डायबिटीज का भी अच्छा इलाज है। टाइप टू की डायबिटीज में गिलोय बहुत असरदार है। एक महीने तक गिलोय की लता के पांच-छह इंच टुकड़े को कूटकर छान लें और इसका सुबह-सुबह लें। एक महीने में ही टेस्ट करवाने पर फर्क पता चल जाएगा।

5. गिलोय सत्व, इलायची व वंशलोचन को शहद के साथ लेने पर टी.बी. की बीमारी में फायदा होता है।

6. डेंगू होने पर दो से तीन चम्मच गिलोय जूस को एक कप पानी में मिलाकर दिन में दो बार खाना खाने से एक-डेढ़ घंटे पहले लें। इससे डेंगू से जल्दी आराम मिलता है।

7. गिलोय इम्युनिटी बूस्टर की तरह काम करती है। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए दिन में दो बार दो से तीन चम्मच (10-15ml) गिलोय जूस का सेवन करें।

8. मिर्गी रोग से राहत पाने के लिए गिलोय व पुनर्नवा का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए।

9. जिनको एनीमिया है, उन्हें गिलोय का सेवन जरूर करना चाहिए। गिलोय के पत्तों से तैयार जूस पीने से शरीर में खून की कमी की समस्या दूर होती है। गिलोय के जूस के अलावा आप गिलोय के जूस में आधा चम्मच घी और एक छोटा चम्मच शहद मिलाकर पिएं। इससे भी शरीर में खून की कमी दूर होती है।

10. यदि हाथों-पैरों में झुनझुनी या बहुत ज्यादा जलन होती है, तो गिलोय का जूस पीना शुरू कर दें।

11. गिलोय का एक चम्मच चूर्ण मट्ठे के साथ सुबह-शाम लेने से बवासीर में आराम मिलता है।

12. हथेलियां गर्म रहती हैं, तो इसमें भी गिलोय बहुत फायदेमंद है। गिलोय की पत्तियों को पीस लें। इस पेस्ट को तलवों और हथेलियों पर लगाकर आधा घंटा के लिए छोड़ दें। गिलोय की पत्तियों का काढ़ा पीना भी हेल्दी होगा।

13. 10 से 15 दिन के बाद भी अगर बुखार की समस्या ठीक नहीं होती है, तो इसे पुराना बुखार कहा जाता है। इसके लिए आप गिलोय के तने और पत्तियों को इस्तेमाल में ला सकते हैं।  (giloy)

14. बांझपन से छुटकारे के लिए गिलोय और अश्वगंधा को दूध में पकाकर रेगुलर लेना अच्छा होता है।

15. जोड़ों या गठिया के दर्द के उपचार के लिए गिलोय के तने या पाउडर को दूध के साथ उबालकर पीने की सलाह दी जाती है।

16. पेट में कीड़े हो गए हों और कीड़े के कारण शरीर में खून की कमी हो रही हो तो पीड़ित व्यक्ति को कुछ दिनों तक नियमित रूप से गिलोय का सेवन कराना चाहिए।

17. मोटापा से परेशान व्यक्ति को रोजाना गिलोय का सेवन करना चाहिए। इसके एक चम्मच रस में एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से मोटापा दूर हो जाता है।

18. गिलोय एक शामक औषधि है, जिसका ठीक तरह से प्रयोग शरीर में पैदा होने वाली वात, पित्त और कफ से होने वाली बीमारियों से छुटकारा दिला सकता है।  (giloy)

19. कब्ज दूर करने के लिए गिलोय का चूर्ण गुड़ के साथ लें।

20. गिलोय जूस का सेवन कैंसर रोगीयों के लिए फायदेमंद होता है। यह शरीर में स्टेम कोशिकाओं के प्रसार को बढ़ाता है और सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को उत्तेजित करता है। गिलोय के पोषक तत्व शरीर में ऐसे एंटीबॉडी बनाते हैं जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकती हैं।

21. त्वचा संबंधी समस्याओं से आराम पाने के लिए गिलोय के तने का पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को सीधे प्रभावित हिस्से पर लगाएं। यह पेस्ट त्वचा पर मौजूद चकत्ते, कील-मुंहासो आदि को दूर करने में सहायक है।

22. अस्थमा से बचाव के लिए गिलोय चूर्ण में मुलेठी चूर्ण मिलाकर शहद के साथ दिन में दो बार इसका सेवन करें।

23. गिलोय का सेवन करने से यौन इच्छा में रहने वाली कमी को भी दूर किया जा सकता है क्योंकि इसका सेवन कामोद्दीपक दवा के रूप में किया जाता है।

24. कान में दर्द होने पर गिलोय के पत्तों का रस गुनगुना करके डालें, जल्द राहत मिलेगी। इससे कान का मैल भी निकल जाता है।

25. यूरिन से रिलेटेड प्रॉब्लम से रिलीफ पाने के लिए गिलोय का काढ़ा काफी फायदेमंद होता है।

26. उल्टियां होने पर गिलोय के रस में मिश्री या शहद मिलाकर दिन में दो बार पीने से आराम मिलेगा।

गिलोय को कैसे खाये

गिलोय को अगर चाय के रूप में सेवन करे तो भी यह बहुत फायदेमंद है. इसकी चाय बनाना बहुत आसान भी है और यह ज्यादा कडवी भी नहीं लगती है. वास्तव में उसको पीने से आनंद की अनुभूति होती है।

• एक कप चाय बनाने के लिए गुडूची अर्थात गिलोय के ताजे पत्ते को साफ़ धोकर 5 से 6 पते एक कप पानी में उबलने के लिए चढ़ा दे. उसके बाद 5 काली मिर्च, आधा चम्मच जीरा और पाम कैंडी के साथ ही आप इसमें चाहे तो शक्कर या शहद के साथ भी मिला कर पी सकते है. यह चाय मानसिक तनाव को कम करती है, यह यादाश्त को भी बढाती है, यह एक बहुत ही आसन सी घरेलू औषधी है।

• गठिया को ठीक करने में अरंडी के तेल के साथ लगाया जाता है और घी के साथ खाया जाता है।

• त्वचा और जिगर को ठीक रखने के लिए चीनी के साथ इसको खाया जाता है।

• गिलोय को संधिशोध अर्थात आर्थराइटिस को ठीक करने में अदरक के साथ खाया जाता है।

• कब्ज को रोकने के लिए इसका इस्तेमाल गुड के साथ खाकर किया जाता है।

गिलोय के सावधानियां और नुकसान  (giloy)

• जो लोग पहले से ही निम्न रक्तचाप (low blood pressure) के मरीज हैं उन्हें गिलोय के सेवन से परहेज करना चाहिए क्योंकि गिलोय भी ब्लड प्रेशर को कम करती है।

• किसी सर्जरी से पहले भी गिलोय का सेवन किसी भी रुप में नहीं करना चाहिए क्योंकि यह ब्लड प्रेशर को कम करती है जिससे सर्जरी के दौरान मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

• गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी गिलोय से परहेज करने की सलाह दी जाती है।

• शरीर में इम्यून सिस्टम को हमेशा मजबूत बनाए रखना चाहिए ताकि आप गंभीर रोगों से बचे रहें। लेकिन जब यह अधिक सक्रिय हो जाए, तो खतरनाक भी होता है। गिलोय कई बार इम्यून सिस्टम को अधिक उत्तेजित कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के लक्षण जैसे कि ल्यूपस, मल्टीपल स्केलेरोसिस और रूमेटाइड अर्थराइटिस हो सकते हैं। ऑटोइम्यून विकारों से पीड़ित लोगों को गिलोय से पूरी तरह से बचना चाहिए।

• इसे पाचन शक्ति के लिए सहायक माना गया है, लेकिन गर्म तासीर के कारण इसकी अधिक मात्रा पेट से संबंधित कुछ समस्याएं जैसे :- जलन और गैस की समस्या का कारण बन सकती है।

• किसी भी तरह का पेट से संबंधित कोई समस्या हो, तो गिलोय का सेवन करने से बचना चाहिए। गिलोय अपच की समस्या को बढ़ा सकता है। अपच के कारण पेट में दर्द और मरोड़ की शिकायत हो सकती है।

• गिलोय के पत्तों का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके डंठल का ही प्रयोग करना चाहिए। अधिक मात्रा में गिलोय का सेवन न करें, अन्यथा मुंह में छाले हो सकते हैं।

• हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, दिन में 1 ग्राम से ज्यादा गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।

• गिलोय खून में मौजूद शर्करा के निचले स्तर को कम कर देता है इसलिए जो व्यक्ति मधुमेह अर्थात शुगर की बीमारी से ग्रसित है, उन्हें इसका कम इस्तेमाल करना चाहिए और ज्यादा लम्बे समय तक इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।  (giloy)

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