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Showing posts from June, 2020

harsingar ka paudha/हरसिंगार के औषधीय लाभ

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हरसिंगार के औषधीय लाभ(harsingar ka paudha) हरसिंगार को नाइट जैस्मीन और पारिजात के नाम से भी जाना जाता है। इसके फूलों का इस्तेमाल अक्सर भगवान को पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए किया जाता है।इसके पुष्प रात के समय खिलकर वातावरण को सुगंधित करते है और झड़ जाते हैं। हरसिंगार का वृक्ष झाड़ीनुमा या छोटा पेड़ जैसा होता है।  इसके पेड़ की छाल जगह-जगह परत दर सलेटी से रंग की होती है एवं पत्तियाँ हल्की रोयेंदार छह से बारह सेमी लंबी और ढाई से.मी. चौड़ी होती हैं।  (harsingar ka paudha) हरसिंगार के पेड़ पर रात्रि में खुशबूदार छोटे छोटे सफ़ेद फूल आते है, और एवं फूल की डंडी नारंगी रंग की होती है।आयु की दृष्टि से एक हज़ार से पाँच हज़ार वर्ष तक जीवित रहने वाले इस वृक्ष को वनस्पति शास्त्री एडोसोनिया वर्ग का मानते हैं, जिसकी दुनिया भर में सिर्फ़ पाँच प्रजातियाँ पाई जाती हैं।हरसिंगार के पत्तियों में बेंजोइक एसिड, फ्रक्टोज, ग्लूकोज, कैरोटिन, एस्कॉर्बिक एसिड जैसे कई तरह के पोषक तत्व पाये जाते हैं। जबकि हरसिंगार के फूलों में ग्लाकोसाइड्स होता है और इससे गुणकारी आवश्यक ऑयल निकाले जाते हैं। हरसिंगार के बीज में

gudhal ke phool ka upyog/गुड़हल के फूल पत्तियों के फायदे और नुकसान

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गुड़हल के फूल पत्तियों के फायदे और नुकसान( gudhal ke phool ka upyog) गुड़हल के फूल को अड़हुल का फूल भी बोलते हैं। अधिकांशतः गुड़हल के फूल का इस्तेमाल पूजा-पाठ आदि कामों के लिए किया जाता है, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि गुड़हल के फूल का सेवन भी किया जाता है, और रोगों के इलाज में भी गुड़हल के फूल के फायदे मिलते हैं। ( gudhal ke phool ka upyog) ऐसे कई गुडहल के फूल हैं जो कि अलग-अलग रंगों में पाये जाते हैं जैसे, लाल, सफेद , गुलाबी, पीला और बैगनी आदि।गुडहल एक आम सा फूल है जो कि देखने में सुंदर होता है। यह सुंदर सा गुडहल का फूल स्वास्थ्य के खजाने से भरा पड़ा है। आयुर्वेद में गुड़हल के पेड़ को एक संपूर्ण रूप में औषधि के तौर पर दर्ज किया गया है। इसकी जड़ से लेकर फूल तक, हर एक चीज किसी न किसी बीमारी के लिए रामबाण है। गुड़हल का वैज्ञानिक नाम हिबिस्कस सब्दरिफा है। इसको हिबिस्कस फ्लावर के नाम से भी जाना जाता है। भगवान की पूजा में इस्तेमाल होने वाला ये फूल बालों के अलावा त्वचा और ओ रोजाना से जुड़ी अनेक परेशानियों व रोगों में भी फायदेमंद होता है।दवाओं में गुड़हल का बहुत उपयोग होता है और इससे क

Munakka khane ke fayde/मुनक्का के फायदे और नुकसान

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मुनक्का के फायदे और नुकसान(Munakka khane ke fayde) मुनक्का में भरपूर मात्रा में कैल्शियम भी होता है, मुनक्का न केवल कई बीमारियों को दूर रखता है बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है इसीलिए आयुर्वेद में तो इसे औषधीय गुणों का भंडार बताया गया है। मुनक्का का प्रयोग औषधीय के साथ-साथ धार्मिक कार्यों में भी किया जाता है।  (Munakka khane ke fayde) पूजा-पाठ के बाद इसे प्रसाद के रूप में भी दिया जाता है मुनक्का दो प्रकार का होता है लाल मुनक्का और काला मुनक्का मुनक्का की तासीर गर्म होती है, और यह शरीर की कई बीमारियों और परेशानियों को दूर करता है। मुनक्का में फाइबर, फायटो न्यूट्रिएंट और सिलेनियम, विटामिन इ जैसे एंटी ऑक्सीडेंट्स और कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है। मुनक्का के अंदर मौजूद कैल्शियम हमारी हड्डियों को मजबूत बनाता है। मुनक्के को सर्दी-जुकाम, खांसी और कफ दूर करने की सबसे अच्छी दवा माना जाता है।    (Munakka khane ke fayde) इसमें मौजूद न्यूट्रिएंट्स कई बीमारियों के इलाज में मदद करते हैं। मुनक्का न सिर्फ न सिर्फ भूख को शांत कर सकता है बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ भी कई हैं

ganjepan ka gharelu upay/गंजेपन के लक्षण, कारण बचाव व उपाय

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गंजेपन के लक्षण, कारण बचाव व उपाय/(ganjepan ka gharelu upay) आज के दौर में प्रदूषण, तनाव और पौषक तत्वों की कमी से लोगों के समय से पहले बाल सफेद होने के अलावा बाल गायब होने यानि गंजेपन की शिकायत बहुत ज्यादा बढ़ती जा रही है। गंजेपन की समस्या पुरुषों में ज्यादा पाई जाती है। कई बार तो बेहद कम उम्र में ही कई पुरुषों के बाल बहुत अधिक झड़ने लगते है और धीरे-धीरे कुछ हिस्से के बाल पूरी तरह से गायब होने लगते है, तो कई बार पूरे सिर में ही गंजापन आ जाता है, परन्तु अब ये महिलाओं को भी होने लगा है। बूढ़ा हो या जवान गंजेपन की समस्या आम हो गई है।  (ganjepan ka gharelu upay) गंजापन कई बार शर्मिंदगी का कारण बन जाता हैं। इसलिए लोग सिर पर बाल उगाने या उन्हें घना करने के लिए तरह-तरह के ट्रीटमेंट व तेल का इस्तेमाल तो करते हैं लेकिन जब इनसे भी कुछ फायदा नजर नहीं आता तो दिक्कत और बढ़ जाती हैं। गंजापन की स्थिति में सिर के बाल बहुत कम रह जाते हैं। गंजापन की मात्रा कम या अधिक हो सकती है। गंजापन को एलोपेशिया भी कहते हैं। जब असामान्य रूप से बाल झड़ने लगते हैं और नये बाल उतनी तेजी से नहीं उग पाते या फिर वे प

kheere ke fayde/खीरे के फायदे व नुकसान

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खीरे के फायदे व नुकसान(kheere ke fayde) खीरा एक ऐसा खाद्द पदार्थ है जो लगभग पूरे भारतवर्ष में पाया जाता है। खीरा शरीर को शीतलता और ताजगी प्रदान करता है। गर्मियों में खीरा खाना बहुत जरूरी है क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में पानी होता है जिससे शरीर में पानी की कमी भी नहीं होती।(kheere ke fayde) इसको आप कई तरह से खा सकते हैं, जैसे- सलाद, सैंडवीच, या यूं ही नमक छिड़क कर भी खा सकते हैं। खीरे के स्वास्थ्यवर्द्धक और सौन्दर्यवर्द्धक गुण दोनों अनगिनत होते हैं। कहा जाता हैं रत्नों में हीरा और सब्जियों में खीरा। जी, खीरा के खास गुण जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।  खीरा और गर्मियां साथ-साथ आती हैं। खीरा में कई पोषक तत्व होते हैं, जो उसे सेहत के लिए जरूरी बना देते हैं। खीरा को मिनरल, विटामिन और इलेक्ट्रोलाइट्स का पावरहाउस कहा जाता है।  लोग सलाद के रुप में खीरे का सेवन ज्यादा करते हैं। सिर्फ पानी की कमी ही नहीं बल्कि इससे कई हेल्थ प्रॉब्लम्स से भी बचा जा सकता है। आपको बताते हैं खीरे के फायदे- इसे भी पढ़ें- लू लगने हीट स्ट्रोक के लक्षण और उपाय खीरे के फायदे- • खीरे में 95% पानी होता है, जो शर

लू लगने (हीट स्ट्रोक) के लक्षण और उपाय

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गर्मियों के दौरान लू लगने और स्किन की समस्या सबसे आम होती हैं।  हवा के गर्म थपेड़ों और बढ़े हुए तापमान से लू लगने का खतरा बढ़ जाता है।  चिलचिलाती धूप, उमस और गर्म हवाएं जिनके हद में पड़ते ही हम बीमार महसूस करने लगते हैं। इस मौसम में गर्म हवा यानी लू सबसे अधिक मुसीबत खड़ी करती है।  वैसे तो लू कोई बिमारी नहीं है लेकिन फिर भी लू के कारण शरीर कमजोर पड़ जाता है और बुखार आने लगता है।  इंसान का शरीर 37 डिग्री तक तापमान सहन करने में सक्षम होता है. तापमान इससे ऊपर जाने पर शरीर में कई प्रकार की दिक्कत महसूस होने लगती है, शरीर से पानी खत्म होने लगता है खून गाढ़ा हो जाता है. इस मौसम में सबसे बुरी चीज है हीट स्ट्रोक या लू।  दोपहर के समय गर्म हवा के थपेड़ों और चिलचिलाती धूप के कारण बाहर जाना काफी मुश्किल हो जाता है। इस कारण हम घर से निकलना भी बंद नहीं कर सकते, क्योंकि ऐसा करने पर हमारे तो सारे काम ही बंद हो जाएंगे। लू लगने  से बचने के उपाय बहुत सरल हैं। अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए तो लू से बचा जा सकता है। लू से बचने के उपाय में घरेलू चीजें शामिल हैं, जिन्हें आप आसानी से अपना सकते हैं। आज इस लेख

Tulsi Ke Patte ke fayde aur nuksan/तुलसी के फायदे उपयोग और नुकसान

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Tulsi Ke Patte ke fayde aur nuksan/तुलसी के फायदे उपयोग और नुकसान हिंदू धर्म और भारत में तुलसी के पौधा बहुत महत्वपूर्ण हैं। तुलसी का पौधा चिकित्सा की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है।  पौराणिक महत्व से अलग तुलसी एक जानी-मानी औषधि भी है, जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों में किया जाता है।  शास्त्रों के अनुसार, जिस घर के आंगन में तुलसी का पौधा होता है, वहां बैक्टीरिया और जीवाणु प्रवेश नहीं कर पाते हैं। साथ ही घर का वातावरण भी शुद्ध होता है।  जड़ीबूटियों की रानी कही जाने वाली तुलसी कई गुणों से युक्त है।  यह शरीर के लिए अंदरुनी व बाहरी दोनों रूपों में फायदेमंद है।   सर्दी-खांसी से लेकर कई बड़ी और भयंकर बीमारियों में भी एक कारगर औषधि है।  मौसमी व त्वचा संबंधी रोगों के अलावा इसके पत्ते रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में उपयोगी हैं। तुलसी की जड़, उसकी शाखाएं, पत्ती और बीज सभी का अपना-अपना महत्व है।  इसकी खास बात है कि यह व्यक्ति की तासीर के अनुसार काम कर सकती है।  यौन-रोगों की दवाइयां बनाने में तुलसी खास तौर पर इस्तेमाल की जाती है।  तुलसी एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटीपायरेटिक, एंटीसेप्टिक एंटीऑक्