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दालचीनी के फायदे और नुकसान/Daalchini ke fayde aur nuksan

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दालचीनी के  फायदे और नुकसान/Daalchini ke fayde aur nuksan दालचीनी  मसालों का एक हिस्सा है। लेकिन यह मसाला न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है बल्कि सेहत पर बेहद लाभदायक है।  आयुर्वेद में दालचीनी को एक बहुत ही फायदेमंद औषधि के रूप में बताया गया है। आयुर्वेद के अनुसार, दालचीनी के इस्तेमाल से कई रोगों का इलाज किया जा सकता है। (Daalchini ke fayde)  दालचीनी व्यक्ति को स्वस्थ रखने और बीमारियों से बचाए रखने में मदद कर सकती है। ध्यान रखें कि दालचीनी किसी बीमारी का इलाज नहीं है, यह रोग से बचाने और शरीर को स्वस्थ रखने में सहायता जरूर कर सकती है। यह हार्ट अटैक के खतरे को कम करने का काम करती है। दालचीनी एक खास तरह की लकड़ी होती है, जो औषधिय गुणों से भरी होती है।  दालचीनी का पौधा जितना छोटा है इसके गुण उतने ही बड़े हैं। दालचीनी की सूखी पत्तियां तथा छाल को मसालों के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसकी छाल थोड़ी मोटी, चिकनी तथा हल्के भूरे रंग की होती है।दालचीनी पेड़ों की भीतरी छाल है। पेट  दर्द, मनशिक क्षमता, अपच, वजन बढ़ना एवं मधुमेह आदि में दालचीनी का उपयोग कर सकते है।  दालचीनी का प्रयोग औषधी के रू

Mulethi ke fayde/मुलेठी के फायदे और नुकसान

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Mulethi ke fayde/मुलेठी के फायदे और नुकसान मुलेठी (Mulethi) एक गुणकारी जड़ी बूटी है। मुलेठी एक झाड़ीनुमा पेड़ होता है।मुलेठी एक लकड़ी की तरह दिखने वाला खाद्य पदार्थ है।  असली मुलेठी अंदर से पीली, रेशेदार व हल्की गंध वाली होती है। इसकी ताजा जड़ मीठी होती है जो सूखने के बाद कुछ तिक्त और अम्ल के स्वाद की हो जाती है।यह एक लोकप्रिय मसाला है जो न केवल एक अच्छा स्वादिष्ट घटक के रूप में कार्य करता है बल्कि व्यापक चिकित्सा गुणों के कारण घरेलू उपचार में भी इस्तेमाल किया जाता है। मुलेठी स्वस्थ रखने के साथ-साथ कुछ शारीरिक समस्याओं से उबरने में भी मदद कर सकती है। मुलेठी कैल्शियम, ग्लिसराइजिक एसिड, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटीबायोटिक, प्रोटीन और वसा के गुणों से भरपूर होती है। ये वात, कफ, पित्त तीनों दोषों को शांत करके कई रोगों के उपचार में रामबाण का काम करती है। इसका प्रयोग नेत्र रोग, मुख रोग, कंठ रोग, उदर रोग, सांस विकार, हृदय रोग, घाव के उपचार के लिए सदियों से किया जा रहा है।यह विटामिन बी और विटामिन ई का अच्छा स्रोत है। यह स्वाद में चीनी से भी मीठी होती है, लेकिन सेहत के लिए इसकी मिठास भी गुणकारी होत

Giloy/गिलोय के औषधीय फायदे

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                                                                                 Giloy/गिलोय के औषधीय फायदे गिलोय को गुडूची, अमृता छिन्नरुहा, चक्रांगी, गुर्च, मधुपर्जी, जीवन्तिका आदि नामों से भी जाना जाता है। गिलोय एक प्रकार की बेल है जो आमतौर पर जगंलों-झाड़ियों में पाई जाती है।गिलोय की बेल जिस पेड़ पर चढ़ती है उसके गुणों को भी अपने अंदर समाहित कर लेती है, इसलिए नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय की बेल को औषधि के लिहाज से सर्वोत्तम माना जाता है। इसे नीम गिलोय के नाम से जाना जाता है।  (giloy) हरसिंगार के औषधीय लाभ          गुड़हल के फूल पत्तियों के फायदे और नुकसान गिलोय की पत्तियां दिखने में पान के पत्तों की तरह होती हैं और इसका रंग गाढ़ा हरा होता है।इसमें एंटी-पायरेटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑर्थरिटिक और एंटीऑक्सिडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं जैसे पाचन से संबंधित समस्याएं, इंफ्लेमेशन या सूजन, रक्त शोधन और दर्द आदि से छुटकारा दिलाता है।इसकी तासीर गर्म होती है। इसके फल मटर के बीज के समान दिखते हैं। इसका तना हरा, मांसल और गूदेदार होता है, जो देखने में किसी रस्स

harsingar ka paudha/हरसिंगार के औषधीय लाभ

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हरसिंगार के औषधीय लाभ(harsingar ka paudha) हरसिंगार को नाइट जैस्मीन और पारिजात के नाम से भी जाना जाता है। इसके फूलों का इस्तेमाल अक्सर भगवान को पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए किया जाता है।इसके पुष्प रात के समय खिलकर वातावरण को सुगंधित करते है और झड़ जाते हैं। हरसिंगार का वृक्ष झाड़ीनुमा या छोटा पेड़ जैसा होता है।  इसके पेड़ की छाल जगह-जगह परत दर सलेटी से रंग की होती है एवं पत्तियाँ हल्की रोयेंदार छह से बारह सेमी लंबी और ढाई से.मी. चौड़ी होती हैं।  (harsingar ka paudha) हरसिंगार के पेड़ पर रात्रि में खुशबूदार छोटे छोटे सफ़ेद फूल आते है, और एवं फूल की डंडी नारंगी रंग की होती है।आयु की दृष्टि से एक हज़ार से पाँच हज़ार वर्ष तक जीवित रहने वाले इस वृक्ष को वनस्पति शास्त्री एडोसोनिया वर्ग का मानते हैं, जिसकी दुनिया भर में सिर्फ़ पाँच प्रजातियाँ पाई जाती हैं।हरसिंगार के पत्तियों में बेंजोइक एसिड, फ्रक्टोज, ग्लूकोज, कैरोटिन, एस्कॉर्बिक एसिड जैसे कई तरह के पोषक तत्व पाये जाते हैं। जबकि हरसिंगार के फूलों में ग्लाकोसाइड्स होता है और इससे गुणकारी आवश्यक ऑयल निकाले जाते हैं। हरसिंगार के बीज में

gudhal ke phool ka upyog/गुड़हल के फूल पत्तियों के फायदे और नुकसान

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गुड़हल के फूल पत्तियों के फायदे और नुकसान( gudhal ke phool ka upyog) गुड़हल के फूल को अड़हुल का फूल भी बोलते हैं। अधिकांशतः गुड़हल के फूल का इस्तेमाल पूजा-पाठ आदि कामों के लिए किया जाता है, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि गुड़हल के फूल का सेवन भी किया जाता है, और रोगों के इलाज में भी गुड़हल के फूल के फायदे मिलते हैं। ( gudhal ke phool ka upyog) ऐसे कई गुडहल के फूल हैं जो कि अलग-अलग रंगों में पाये जाते हैं जैसे, लाल, सफेद , गुलाबी, पीला और बैगनी आदि।गुडहल एक आम सा फूल है जो कि देखने में सुंदर होता है। यह सुंदर सा गुडहल का फूल स्वास्थ्य के खजाने से भरा पड़ा है। आयुर्वेद में गुड़हल के पेड़ को एक संपूर्ण रूप में औषधि के तौर पर दर्ज किया गया है। इसकी जड़ से लेकर फूल तक, हर एक चीज किसी न किसी बीमारी के लिए रामबाण है। गुड़हल का वैज्ञानिक नाम हिबिस्कस सब्दरिफा है। इसको हिबिस्कस फ्लावर के नाम से भी जाना जाता है। भगवान की पूजा में इस्तेमाल होने वाला ये फूल बालों के अलावा त्वचा और ओ रोजाना से जुड़ी अनेक परेशानियों व रोगों में भी फायदेमंद होता है।दवाओं में गुड़हल का बहुत उपयोग होता है और इससे क

Munakka khane ke fayde/मुनक्का के फायदे और नुकसान

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मुनक्का के फायदे और नुकसान(Munakka khane ke fayde) मुनक्का में भरपूर मात्रा में कैल्शियम भी होता है, मुनक्का न केवल कई बीमारियों को दूर रखता है बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है इसीलिए आयुर्वेद में तो इसे औषधीय गुणों का भंडार बताया गया है। मुनक्का का प्रयोग औषधीय के साथ-साथ धार्मिक कार्यों में भी किया जाता है।  (Munakka khane ke fayde) पूजा-पाठ के बाद इसे प्रसाद के रूप में भी दिया जाता है मुनक्का दो प्रकार का होता है लाल मुनक्का और काला मुनक्का मुनक्का की तासीर गर्म होती है, और यह शरीर की कई बीमारियों और परेशानियों को दूर करता है। मुनक्का में फाइबर, फायटो न्यूट्रिएंट और सिलेनियम, विटामिन इ जैसे एंटी ऑक्सीडेंट्स और कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है। मुनक्का के अंदर मौजूद कैल्शियम हमारी हड्डियों को मजबूत बनाता है। मुनक्के को सर्दी-जुकाम, खांसी और कफ दूर करने की सबसे अच्छी दवा माना जाता है।    (Munakka khane ke fayde) इसमें मौजूद न्यूट्रिएंट्स कई बीमारियों के इलाज में मदद करते हैं। मुनक्का न सिर्फ न सिर्फ भूख को शांत कर सकता है बल्कि इसके स्वास्थ्य लाभ भी कई हैं

ganjepan ka gharelu upay/गंजेपन के लक्षण, कारण बचाव व उपाय

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गंजेपन के लक्षण, कारण बचाव व उपाय/(ganjepan ka gharelu upay) आज के दौर में प्रदूषण, तनाव और पौषक तत्वों की कमी से लोगों के समय से पहले बाल सफेद होने के अलावा बाल गायब होने यानि गंजेपन की शिकायत बहुत ज्यादा बढ़ती जा रही है। गंजेपन की समस्या पुरुषों में ज्यादा पाई जाती है। कई बार तो बेहद कम उम्र में ही कई पुरुषों के बाल बहुत अधिक झड़ने लगते है और धीरे-धीरे कुछ हिस्से के बाल पूरी तरह से गायब होने लगते है, तो कई बार पूरे सिर में ही गंजापन आ जाता है, परन्तु अब ये महिलाओं को भी होने लगा है। बूढ़ा हो या जवान गंजेपन की समस्या आम हो गई है।  (ganjepan ka gharelu upay) गंजापन कई बार शर्मिंदगी का कारण बन जाता हैं। इसलिए लोग सिर पर बाल उगाने या उन्हें घना करने के लिए तरह-तरह के ट्रीटमेंट व तेल का इस्तेमाल तो करते हैं लेकिन जब इनसे भी कुछ फायदा नजर नहीं आता तो दिक्कत और बढ़ जाती हैं। गंजापन की स्थिति में सिर के बाल बहुत कम रह जाते हैं। गंजापन की मात्रा कम या अधिक हो सकती है। गंजापन को एलोपेशिया भी कहते हैं। जब असामान्य रूप से बाल झड़ने लगते हैं और नये बाल उतनी तेजी से नहीं उग पाते या फिर वे प