केसर से ठीक होते हैं कई रोग , जाने इसके फायदे
आयुर्वेद में केसर के अनेक गुण बताए गए हैं। केसर में कई ऐसे औषधीय तत्व पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। केसर के प्रयोग तो आपने बहुत सुने होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद में केसर के अनेक इस्तेमाल हैं। केसर खाद्य पदार्थ और पेय (जैसे दूध) को रंगीन और सुगंधित करता है। प्रतिदिन 5 से 20 पंखुड़ी केसर का इस्तेमाल किया जा सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, कई छोटे-छोटे रोग हैं, जिन्हें केसर के इस्तेमाल से ठीक किया जा सकता है। केसर आपके लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकता है, आज हम इस लेख में यही बता रहें हैं -
आंखों के लिए कारगर
आज के दौर में आंखों की समस्या होना एक आम बात है। अगर आप लगातार कंप्यूटर, मोबाइल, टीवी देखते हैं, तो आंखों की रोशनी पर बुरा असर पड़ता है। इसके लिए 10 केसर के रेशे दूध के साथ मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है। अगर असली चंदन को केसर के साथ घिसकर इसका लेप माथे पर लगाया जाए, तो आंखों की रोशनी बढ़ती है और सिर दर्द ठीक होता है।
बुद्धिवर्धक
केसर के सेवन से याददाश्त बेहतर होती है। इसके लिए केसर के 10 रेशे, 1 चम्मच गाय का मक्खन, 1 चम्मच ब्राह्मी का रस तथा 1 चम्मच शंखपुष्पी के रस में शहद मिलाकर रोजाना सेवन करें, स्मरण शक्ति बेहतर होगी।
चेहरे की रंगत निखारे
केसर त्वचा को खूबसूरत बनाता है। इसके उपयोग से चेहरे पर निखार आता है और रंग भी गोरा होता है। चेहरे की सुंदरता बढ़ाने के लिए नारियल के तेल या देसी घी के साथ केसर को पीसकर चेहरे पर लगाया जाता है। दूध की मलाई के साथ केसर को चेहरे पर मलने से रंगत निखरती है।
प्रसव के बाद
प्रसव के बाद गर्भाशय शोधन के लिए केसर को अजवाइन के साथ मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है। केसर जीरा, गुड़ और अजवाइन को देसी घी में मिलाकर सेवन करने से माता का दूध शुद्ध होता है और दूध अधिक मात्रा में बनता है। अगर प्रसव के बाद माता को 5 चम्मच कच्चे नारियल के दूध के साथ केसर के 10 रेशे में 2 चम्मच शहद मिलाकर सेवन कराया जाए तो काफी लाभ होता है।
सर्दी-जुकाम-बुखार में असरदार
सर्दी-जुकाम तथा बुखार में केसर रामबाण है। अगर छोटे बच्चे को सर्दी-जुकाम हो, तो इसके लिए बच्चे को दूध में मिलाकर केसर का सेवन कराएं। अदरक के रस में केसर और हींग को मिलाकर बच्चे या बड़े की छाती पर लगाने से लाभ होता है।
पेट दर्द में फायदेमंद
पेट में दर्द होने पर 5 ग्राम भुनी हींग, 5 ग्राम केसर, 2 ग्राम कपूर, 25 ग्राम भुना जीरा, 5 ग्राम काला नमक, 5 ग्राम सेंधा नमक, 100 ग्राम छोटी हरड़, 25 ग्राम वायविडंग के बीज, 25 ग्राम अजवाइन को एक साथ पीसकर इस चूर्ण को सुरक्षित रख लें। पेट दर्द होने पर इस चूर्ण में से आधा चम्मच गर्म पानी के साथ सेवन करें, लाभ होगा।
हृदय रोग में कारगर
केसर का सेवन करने से हृदय संबंधी रोग दूर होते हैं। यह लो बीपी को नियंत्रित करता है। धमनियों में ब्लॉकेज को ठीक करता है। इसके सेवन से बढ़ा हुआ वजन कम होता है। इसके लिए 5 ग्राम अर्जुन की छाल, 2 ग्राम गिलोय, 2 ग्राम मुलेठी, 2 ग्राम पुष्करमूल, 2 ग्राम हल्दी, 2 ग्राम सौंफ, 2 छोटी इलाइची, 1 ग्राम कलौंजी तथा एक चौथाई ग्राम केसर को कूटकर एकसाथ मिलाकर डेढ़ कप दूध तथा डेढ़ कप पानी में हल्की आंच पर उबालें। जब यह एक कप रह जाए, तो छान कर गुनगुना होने पर पिएं।
नर्वस सिस्टम को बनाए बेहतर
दिमाग और नर्वस सिस्टम के लिए केसर अत्यंत लाभकारी है। इसके सेवन से पैरालिसिस, फेशियल पैरालिसिस जैसे मस्तिष्क संबंधी रोग, डायबिटीज के कारण होने वाली समस्याएं, लगातार बने रहने वाला सिरदर्द, हाथ-पैर की सुन्नता आदि में दूध, चीनी और घी के साथ केसर का सेवन करने से लाभ होता है।
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इन्हें भी आजमाएं
जिन लोगों को मूत्र विकार हो, उन्हें पुनर्नवा के काढ़े के साथ केसर का सेवन करना चाहिए।
घाव भरने के लिए केसर को घी या शहद के साथ मिलाकर घाव वाले स्थान पर लगाएं।
माता के दाने (खसरा) होने पर केसर को अजवाइन एवं बड़ी इलाइची के छिलके के साथ उबालें और फिर हल्का गुनगुना करके रोगी को पिलाएं, इससे लाभ होगा।
केसर के सेवन से भोजन ठीक से पचता है और पाचन तंत्र ठीक होता है। यह आंतों में होने वाले संक्रमण को भी ठीक करता है। इसके सेवन से दिल मजबूत होता है और शरीर में खून बढ़ता है। यकृत या लिवर में सूजन होने पर पेट पर इसका लेप करना चाहिए।
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अधिक मात्रा में इसका सेवन सेहत के लिए हानिकारक होता है।
अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से पीठ में दर्द, आंखों में जलन, उलटी होना, पेशाब में जलन आदि समस्या हो सकती है।
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