Pradushan se bachne ke upay/प्रदूषण से बचने के उपाय


Pradushan se bachne ke upay/प्रदूषण से बचने के उपाय

इन दिनों लोग वातावरण में फैल रहे स्मॉग या वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं। स्मॉग के प्रदूषक तत्व सांस के जरिये हमारे शरीर में पहुंच जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होते हैं। ये कुछ समय बाद फेफड़ों की कार्यक्षमता को प्रभावित करते हैं। साथ ही हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, डायबिटीज, साइनोसाइटिस आदि स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। प्रदूषण का स्वस्थ व्यक्ति की सेहत पर भी सीधा खतरा है। इससे बचने के लिए हमें अपने शरीर में ऑक्सीकरण रोधी स्तर को बढ़ाना होगा। 
हमारी रसोई में ही इसके उपाय छिपे हैं जो शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देंगे, जिससे प्रदूषण के खतरे से लड़ा जा सकता है। शरीर की शक्ति बढ़ाने के लिए नौ पोषक तत्वों का सेवन जरूरी है। जिनमें विटामिन ए, बीटा कारोटीन, विटामिन बी-2, रिबोफ्लेविन, मैग्नीशियम, जिंक, कॉपर, मैग्नीशियम और सेलेनियम शामिल हैं। ये औषधि, फल, सब्जी और मसालों में मिलते हैं।  प्रदूषण से बचने के लिए जरूरी है कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो। प्रदूषण के अति सूक्ष्म तत्व, जिन्हें मेडिकल की भाषा में फ्री-रेडिकल्स बुलाया जाता है, को साफ करने के लिए शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्त कराना जरूरी है। यह तभी होता है, जब आपका पाचन तंत्र अच्छी तरह काम कर रहा हो। आयुर्वेद के हिसाब से आपका पाचन तंत्र ठीक होगा तो शरीर में त्रिदोष- वात, पित्त और कफ कम होंगे, आव नहीं बनेगा, पाचन प्रक्रिया सुचारु चलेगी और खांसी-जुकाम, सांस लेने में दिक्कत नहीं होगी। वातावरण में फैले प्रदूषण का सामना करने और प्रतिरोधक क्षमता को दुरुस्त करने के लिए आयुर्वेद दैनिक जीवन में अदरक, लहसुन, तुलसी, नीम, काली मिर्च, पीपली जैसी चीजें अपनाने पर बल देता है।(Pradushan se bachne ke upay)

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बचाव के अनेक आयुर्वेदिक उपाय

हल्दी 
इसे घी के साथ मिलकर खाने से खांसी और अस्थमा में राहत मिलेगी। हल्दी का सेवन कैंसर का खतरा कम करता है। शोध में पाया गया है कि इसमें पाया जाने वाला करक्यूमिन एंटीऑक्सीडेंट जानवरों में कैंसर का खत्मा करने में सक्षम है। 

देशी घी  
देशी घी के अलावा सरसों, नारियल, तिल और जैतून का तेल जैसे वसा खाने से शरीर खतरनाक तत्वों से लड़ने के लिए मजबूत होगा। 


गुड़ 
इस समय हर कोई जुकाम और बलगम से परेशान है। इससे राहत के लिए सोने से पहले हरद और गुड़ का सेवन करें तो बलगम घट जाएगा। 

काली मिर्च 
इसमें बहुत प्रभावशाली ऑक्सीकरण रोधी तत्व  कैप्सेइसिन होता है जो फेफड़ों की सुरक्षा करता है। प्रदूषण और सिगरेट के धुएं से होने वाले प्रभावों से बचाने में काली मिर्च का सेवन सबसे असरदार है।(Pradushan se bachne ke upay)


रोजमेरी 
इसे गुलमेंहदी भी कहते हैं जो भूमध्यसागरीय क्षेत्र में उगने वाला पौधा है। आमतौर पर यह घरों में औषधि की तरह प्रयोग होता है। इस ऑक्सीकरण रोधी पौधे का अर्क पीना फायदेमंद होगा। 

भाप लेना
इस समय सांस लेने में खासी दिक्कत महसूस होती है, इससे निपटने के लिए भाप लेना फायदेमंद होगा। यह श्वास लेने के तंत्र में नमी आएगी और खून के जमाव की समस्या खत्म होगी। इसके अलावा क्षारीय जल पीने से भी फायदा मिलेगा। ऐसे समय में सेहत सही रखने के लिए कम प्रदूषित स्थान पर ही व्यायाम करें और तनाव घटाने के लिए योग व ध्यान लगाएं। 


अजवायन
 प्रदूषित हवा के कारण खांसी और गले में सूजन महसूस हो तो अजवायन की चाय पियें। यह शरीर की अन्य प्रतिरक्षा संबंधी (इम्यून) समस्याओं को खत्म करने कारगर है। (Pradushan se bachne ke upay)


अन्य उपाय-

रात को सोते समय त्रिफला ले सकते हैं। यह आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ पाचन तंत्र को भी सुचारु करने में मदद करेगा। एक चम्मच त्रिफला शहद, गुनगुने पानी या दूध के साथ ले सकते हैं। इसे शहद के साथ लेना ज्यादा फायदेमंद हैै। बच्चों के लिए त्रिफला का सिरप भी विशेषज्ञ के पास उपलब्ध होता है। जरूरतमंद बच्चे को सोते समय एक चम्मच सिरप दे सकते हैं। त्रिफला हमारे शरीर के तीन दोषों- वात, पित्त और कफ को सम प्रकृति में रखने में सहायक है। यानी ये दोष अगर बढ़े या घटे हुए हैं तो त्रिफला उन्हें संतुलित कर देता है।

* नियमित रूप से फुल-बॉडी मसाज शरीर के लिम्फैटिक सिस्टम को स्वस्थ बनाता है। सर्दियों में सरसों, ऑलिव ऑयल से मसाज कर सकते हैं,गर्मियों में नारियल तेल अच्छा रहता है। इससे रक्त में जमा टॉक्सिक बाहर निकलते हैं। रक्त संचार बेहतर होता है, ऑक्सीजन की आपूर्ति तेज होती है और शरीर की सफाई होती है।(Pradushan se bachne ke upay)


* इस बेहद संवेदशनशील समय में अगर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए नींबू के पत्तों की चाय, ग्रीन चाय, चुकंदर, नीम, पपीता के पत्ते, आंवला, एलोवेरा, गिलोय, आश्वगंघा, गेहूं की घास, सहजन का सेवन प्रदूषण के जहरीले तत्वों का शरीर पर असर घटाएगा। 

* नीम की पत्तियों को एक पतीले पानी में उबाल लें। इसे नहाने के पानी में मिलाकर नहाएं। यह त्वचा पर जमे प्रदूषकों को हटाता है  और त्वचा को डिटाक्सिफाई करता है। संभव हो तो हफ्ते में 2-3 नीम की पत्तियां खा लें।

* अदरक, दालचीनी, मुलैठी और अन्य औषधीय तत्व प्रदूषण से लड़ने में बेहद सहायक हैं। अगर इन तत्वों से बना काढ़ा या चाय इस सर्दी के मौसम में ली जाए तो आपकी प्रतिरोधी क्षमता बढ़ेगी। घर से बाहर निकलते समय मुंह में लौंग रखना भी बेहतर है। साथ ही गरम पानी ही पिया जाए तो अच्छा है।

* खट्टे फल जरूर लेने चाहिए। संतरा, नीबू,ऑरेंज जूस बहुत अच्छे होते हैं। ये हृदय के लिए भी अच्छे होते हैं।
’ दिन में दो बार अदरक की चाय पीना फायदेमंद है। आधा चम्मच अदरक के रस में आधा चम्मच शहद मिलाकर लें। अदरक इम्यूनिटी को बढ़ाती है और सांस से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद है।(Pradushan se bachne ke upay)


* पिसी काली मिर्च को शहद के साथ लेने से सीने में जमा कफ दूर होता है, सांस संबंधी समस्या से बचे रहेंगे।

* तुलसी का जूस पिएं। पहले से बने-बनाए 10-15 मिलीलीटर तुलसी के जूस को पानी मिलाकर दिन में दो बार लें। यह आपकी सांस की नली या श्वसन तंत्र से प्रदूषक तत्व हटाने में सहायक है। चाहें तो घर में तुलसी के 5-6 पत्तों को पीस कर उसमें रस निकाल लें। इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर ले सकते हैं।

* बालों को प्रदूषण से बचाने के लिए संभव हो तो बाहर जाते हुए बाल ढक कर रखें। नहाने से एक घंटे पहले बालों की ऑयलिंग कर अच्छी तरह मसाज करें। ज्यादा देर तक तेल न लगा रहने दें, क्योंकि वह आपके बालों पर जमकर नुकसान पहुंचा सकता है।

* 3 ग्राम पीपली को शहद के साथ मिलाकर ज्यादा से ज्यादा 7 दिन ले सकते हैं, लेकिन इसे बच्चों को नही देना चाहिए। इससे सहज सांस लेने में मदद मिलती है।

* श्वसन-नली बंद है तो पिपरमिंट ऑयल की 2-3 बूंदें या यूकेलिप्टस ऑयल की 4-5 बूंदें डाल कर दिन में दो बार 5 मिनट के लिए भाप लेना फायदेमंद साबित होता है। (Pradushan se bachne ke upay)


* प्रदूषण से आंखों में होने वाली जलन में आंखों में गुलाब जल की बूंदें सुबह-शाम डाल सकते हैं। इससे आंखें साफ रहेंगी। खीरे या आलू के स्लाइस काट कर आंखों पर रख सकते हैं, इससे आंखों को ठंडक मिलेगी। प्रदूषण से आंखों में होने वाले सूखेपन या जलन से बचने के लिए आंखों को बार-बार ठंडे पानी से धोना चाहिए। इसके लिए एक और उपाय आजमा सकते हैं। रात को त्रिफला का पाउडर एक गिलास में भिगो कर रख दें, सुबह छान कर इस पानी से आंखें धोने से आंखों को आराम मिलेगा।

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