अश्वगंधा फायदे व नुकसान
अश्वगंधा एक बहुत ही बेहतरीन प्राकृतिक औषधीय जड़ी बूटी है, जिसका सेवन शरीर की अनेकों समस्याओं के समाधान के लिए किया जाता है। आयुर्वेद में बेहद महत्व रखने वाला अश्वगंधा, एक ऐसी औषधि है जो न केवल आपके तनाव को दूर करती है बल्कि सेहत और सौंदर्य से जुड़े कुछ फायदे भी देती है। अश्वगंधा को आयुर्वेद में बेहतरीन औषधियों में से एक माना गया है। आयुर्वेद में इसे खास स्थान हासिल है। यह केवल एक पौधा मात्र नहीं है, बल्कि कई बीमारियों को जड़ से खत्म करने की बेहतरीन औषधि भी है। यही वजह है कि इसकी जड़ों और पत्तियों से कई तरह की दवाएं बनाई जाती हैं। अश्वगंधा ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे किसी परिचय की जरूरत नहीं है। अनगिनत लाभों के कारण ही सदियों से विश्वभर में इसका उपयोग किया जा रहा है। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि अश्वगंधा गुणकारी औषधि है। तनावग्रस्त लोगों को भी अश्वगंधा का सेवन करने की सलाह दी जाती है। तनाव में अश्वगंधा शरीर में रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) को कम करता है एवं दिमाग की कार्य क्षमता को बढ़ाता है। अश्वगंधा का उपयोग मुख्य रूप से अश्वगंधा चूर्ण रूप में किया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटी स्ट्रेस व एंटीबैक्टीरियल एजेंट और इम्यून सिस्टम को बेहतर करने व अच्छी नींद लाने वाले गुण मौजूद हैं। अश्वगंधा का वैज्ञानिक नाम विथानिया सोम्निफेरा है। इसे अश्वगंधा के साथ-साथ इंडियन जिनसेंग और इंडियन विंटर चेरी भी कहा जाता है। इसके पौधे की लंबाई लगभग 35-75 सेमी. होती है। खास बात यह है कि इसकी जड़ और पत्तों की सुगंध अश्व के मूत्र के सामान होती है। यही वजह है कि इसे अश्वगंधा के नाम से पुकारा जाता है। इसकी खेती भारत के सूखे इलाकों में होती है, जैसे मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में। इसके अलावा चीन और नेपाल में भी यह खूब पाया जाता है। पूरे विश्व में इसकी 10 और भारत में केवल दो ही प्रकार की प्रजातियां मानी जाती है। अश्वगंधा को कई बीमारियों में रामबाण की तरह माना गया है। इसके लाभों में बालों से लेकर त्वचा सहित संपूर्ण स्वास्थ्य से जुड़े हुए अनेक लाभ शामिल है।
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अश्वगंधा के फायदे
१. अश्वगंधा कैंसर की रोकथाम में भी मदद करता है। कई स्टडीज में यह दावा किया जा चुका है कि अश्वगंधा कैंसर सेल्स की ग्रोथ और प्रॉडक्शन पर लगाम लगाता है।
२. इसका पहला फायदा तो ज्यादातर लोग जानते हैं कि यह तनाव को कम करने में बेहद मददगार औषधि है। यह मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ाने में भी काफी मददगार है और दिमाग को ठंडा रखने में भी।
३. अश्वगंधा की एक खूबी यह भी होती है कि यह बेहतरीन रोग प्रतिरोधक क्षमता वाला पौधा है, जिसमें कई बीमारियों से लड़ने की ताकत होती है। आयुर्वेद कहता है कि एनर्जी कैप्सूल लेने की जगह अगर अश्वगंधा का सेवन किया जाए तो शरीर में जमा विषैले तत्व व जीवाणु बाहर निकल जाते हैं और रोगों से लड़ने की ताकत भी आती है।
४. अश्वगंधा में एंटीआक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण मौजूद हैं। इस कारण यह ह्रदय से जुड़ी तमाम तरह की समस्याओं से बचाने में मदद कर सकता है। अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करने से ह्रदय की मांसपेशियां मजबूत और खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। वर्ल्ड जर्नल ऑफ मेडिकल साइंस के शोध में भी पुष्टि की गई है कि अश्वगंधा में भरपूर मात्रा में हाइपोलिपिडेमिक पाया जाता है, जो रक्त में खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में कुछ मदद कर सकता है।
५. कई तरह के परीक्षणों में यह पाया गया है कि अश्वगंधा शरीर के रक्त में शुगर की मात्रा को कम करता है।
दरअसल इसका इस्तेमाल खून में इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ावा देता है जिससे डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में शुगर की समस्या से आराम मिलता है।
६. अवसाद ने वर्तमान समय में लोगों को घेर रखा है। इसके कारण लोगों के जीवन में अस्थिरता आ गयी है। इसी अस्थिरता का एक उपयोगी इलाज है “अश्वगंधा”।
तकरीबन 60 लोगों पर किये एक शोध में यह पाया गया है कि जिन लोगों ने प्रतिदिन 60 मिलीग्राम अश्वगंधा का सेवन किया उनमें अवसाद की शिकायतों में 79% तक गिरावट आई थी। वहीं इसका प्रयोग न करने वालों में 10% तक वृद्धि आई थी।
७. अगर कोई नींद न आने से परेशान हैं, तो डॉक्टर की सलाह पर अश्वगंधा का सेवन किया जा सकता है। यह हम नहीं, बल्कि 2017 में जापान की त्सुकुबा यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट द्वारा किए गए एक रिसर्च में कहा गया है। इस अध्ययन के अनुसार, अश्वगंंधा के पत्तों में ट्राइथिलीन ग्लाइकोल नामक यौगिक होता है, जो गहरी नींद में सोने में मदद कर सकता है। इस रिसर्च के आधार पर अनिद्रा के शिकार व्यक्ति को अश्वगंधा का सेवन करने से फायदा मिल सकता है।
८. अश्वगंधा एक ऐसी औषधि है, जिसके सेवन से महिलाओं से जुड़ी कई बीमारियों से निजात पाई जा सकती है, जैसे यह डिंब की गुणवत्ता में सुधार करने में सहायक होता है। गर्भाशय और अंडाशय को मजबूत करने में मदद करता है, ताकि महिलाएं गर्भावस्था के लिए तैयार हो सकें। यही नहीं, महिलाओं में होने वाले मेनोपॉज के दौरान भी यह मददगार साबित होता है। चूंकि महिलाओं को मेनोपोज के दौरान तनाव और चिंता जैसी मानसिक परेशानियां भी होती हैं, ऐसे में अश्वगंधा के सेवन से इनसे लड़ने में मदद मिलती है। शोध यह भी बताते हैं कि वे महिलाएं, जो यौन संबंधों को लेकर निराश हो गई हैं, उनमें भी यह यौन उत्तेजक हार्मोंस को बढ़ाता है
९. अगर आप पित्त प्रकृति के व्यक्ति हैं और आपके बाल असमय सफेद होने के साथ ही झड़ने भी लगे हैं, तो आपको अश्वगंधा का सेवन जरूर करना चाहिए। इससे आपकी समस्या का जरूर समाधान हो जाएगा।
१०. बालों की जड़ों व स्कैल्प संबंधी समस्याओं में भी यह काफी फायदेमंद है। जड़ों को मजबूती देने के साथ ही यह अन्य समस्याओं जैसे डैंड्रफ आदि से भी बचाता है।
११. आंखों से जुड़ी बीमारियां इन दिनों आम हो गई हैं। कम उम्र के लोगों को भी आंखों की बीमारियों से जूझना पड़ रहा है। शोध में यह भी पाया गया है कि मोतियाबिंद के खिलाफ अश्वगंधा रामबाण की तरह है और इसका सेवन प्रभावशाली तरीके से काम करता है। साथ ही आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी यह बेहतरीन विकल्प है। इसकी वजह यह है कि इसमें मौजूद जो एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, वे आंखों से जुड़ी बीमारियों से लड़ने में सहायक होते हैं।
१२. अश्वगंधा थायराइड की परेशानी को भी दूर करने में सहायक है। अगर हार्मोंस असंतुलित होते हैं तो शरीर का वजन तेजी से बढ़ता है। साथ ही अन्य परेशानियां भी होती हैं। अश्वगंधा हार्मोंस को कंट्रोल करने और उसे सुव्यवस्थित करने में सहायक होता है, जिसकी वजह से थायराइड की परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है।
१३. अश्वगंधा में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। ऐसे में अगर अश्वगंधा की जड़ के रस का प्रयोग किया जाए तो न सिर्फ आर्थराइटिस से जुड़े लक्षण कम होते हैं, बल्कि उसके दर्द से भी आराम मिलता है।
१४. अश्वगंधा में मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुणों के कारण यह रोग फैलाने वाले बैक्टेरिया के खिलाफ लड़ने में सक्षम होता है। अश्वगंधा की जड़ और पत्तों के रस ने सफलतापूर्वक साल्मोनेला संक्रमण को खत्म कर दिया था, इसलिए अश्वगंधा को संक्रमण से लड़ने वाला भी माना गया है।
१५. कई पुरुषों में यौन इच्छा कम होती है और वीर्य की गुणवत्ता भी अच्छी नहीं होती। इस कारण वो संतान सुख से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में अश्वगंधा जैसी शक्तिवर्धक औषधि पुरुषों में यौन क्षमता को बेहतर कर वीर्य की गुणवत्ता में सुधार कर सकती है। 2010 में हुए एक अध्ययन के अनुसार, अश्वगंधा का प्रयोग करने से वीर्य की गुणवत्ता के साथ-साथ उसकी संख्या में भी वृद्धि हो सकती है। यह शोध स्ट्रेस (ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, केमिकल स्ट्रेस व मानसिक तनाव) के कारण कम हुई प्रजनन क्षमता पर किया गया है।
१६. आयुर्वेद मानता है कि अगर आप हृदय रोगी हैं तो अश्वगंधा के नियमित सेवन से कार्डियो एपोप्टोसिस के असर को कम किया जा सकता है, जिसके कारण जरूरी सेल्स नष्ट होने लगते हैं। साथ ही दिल के मजबूत व स्वस्थ टिश्यू मायोकार्डियम को भी फिर से क्रिया में लाने में इससे बहुत लाभ उठाया जा सकता है।
१७. वजन बढ़ना इन दिनों आम है और काफी लोग इससे परेशान होते हैं। चूंकि वजन बढ़ने से भी कई तरह की बीमारियां होती हैं, ऐसे में आयुर्वेद के विशेषज्ञ मानते हैं कि अश्वगंधा वजन नियंत्रित करने में सहायक होता है। अश्वगंधा के सेवन से पाचन तंत्र अच्छा हो जाता है और शरीर को जरूरी पोषक तत्व भी मिलते हैं। हालांकि अश्वगंधा का सेवन वजन बढ़ाने के लिए भी किया जाता है, इसलिए इसके सेवन से पहले विशेषज्ञ से राय-मशविरा करना बेहद जरूरी है।
१८. अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो कि शरीर में बनने वाले फ्री रेडिकल्स से लड़ सकते हैं। ये फ्री रेडिकल्स सूरज की यूवी किरणों के कारण भी हमारे शरीर में बन सकते हैं और एंटी एंजिंग का कारण बनते हैं, इसलिए इससे बने फेस पैक न सिर्फ एंटी एंजिंग से बचाते हैं, बल्कि समय से पहले आने वाली झुर्रियों से भी छुटकारा दिलाते हैं। यही नहीं, स्किन कैंसर से भी बचाता है। गुलाब जल के साथ अश्वगंधा का पाउडर मिला कर फेस पैक तैयार किया जा सकता है।
१९. अश्वगंधा में पर्याप्त मात्रा में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इस लिहाज से कहा जा सकता है कि यह त्वचा में आई सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। दरअसल, त्वचा में इंफेक्शन के लिए स्टैफिलोकोकस ऑरियस नामक बैक्टीरिया जिम्मेदार होते हैं और इंफेक्शन की वजह से चेहरे में सूजन होने लगती है। वहीं, अश्वगंधा में मौजूद विथाफेरिन में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो इंफेक्शन के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया स्टैफिलोकोकस ऑरियस को बेअसर कर त्वचा में आई सूजन को कम कर सकते हैं।
२०. चोट लगने या घाव भरने के लिए भी अश्वगंधा के पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है। चूंकि यह संक्रमण से भी बचाता है, इसलिए इसे अगर घाव पर लगाया जाए तो घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं। इसके एंटी बैक्टेरियल गुण इस मामले में काफ़ी मदद करते हैं।
२१. अश्वगंधा का यह गुण जान कर आप हैरान होंगे, लेकिन यह सच है कि यह एक बेहतरीन स्किन टोनर भी है। दरअसल, स्किन को टोन करने से त्वचा के रोम छिद्र साफ होकर सिकुड़ जाते हैं, ताकि फिर से उनमें गंदगी जमा न हो जाए। ऐसे में अश्वगंधा स्किन टोनर के रूप में सहायक होता है। अश्वगंधा की जड़ के पाउडर को नींबू के छिलके के साथ पानी में उबाल कर, फिर उसे ठंडा करके एक बोतल में रख लें और इसे चेहरे पर टोनर के रूप में इस्तेमाल करें।
२२. कोर्टिसोल (Cortisol) एक प्रकार का हार्मोन होता है, जिसे स्ट्रेस हार्मोन भी कहा जाता है। यह शारीरिक परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हार्मोंस में से एक है । यह हार्मोन बताता है कि भूख लग रही है। जब रक्त में इस हार्मोन का स्तर बढ़ता है, तो शरीर में फैट और स्ट्रेस का स्तर भी बढ़ने लगता है। इससे शरीर को विभिन्न प्रकार के नुकसान हो सकते हैं। इसलिए, कोर्टिसोल के स्तर को कम करना जरूरी है। एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक के रिपोर्ट के मुताबिक, अश्वगंधा के प्रयोग से कोर्टिसोल को कम किया जा सकता है ।
कितना लें-
अश्वगंधा के प्रयोग से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आप अपने चिकित्सक से परामर्श ले लें कि इसको कितनी मात्रा में लिया जाना चाहिए।
- आमतौर पर दिन में 4-5 ग्राम अश्वगंधा का सेवन करें।
- इसके कैप्सूल भी उपलभ होते हैं तो दिन में 1-2 कैप्सूल लें, कोशिश करें कि शाम के समय लें।
- 2 ग्राम अश्वगंधा को उबले पानी में मिला लें। इसे 15 मिनट तक उबलने दें। 10 मिनट तक ठंडा होने दें लेकिन दिन में 2 कप से ज्यादा न लें।
अश्वगंधा के नुकसान
- गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन करने के नुकसान हो सकते हैं। माना जाता है कि इसकी अधिक मात्रा बतौर गर्भनिरोधक का काम कर सकती है।
- केंद्रीय तंत्रिक तंत्र में अवसाद पैदा हो सकता है। इसलिए, अश्वगंधा का सेवन करते समय शराब और अन्य मादक पदार्थों से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
- अश्वगंधा की ज्यादा खुराक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परेशानी, दस्त और उल्टी का कारण बन सकती है।
- अगर आपकी कोई सर्जरी होनी है तो इसका सेवन बिल्कुल न करें। खास कर कोई व्यक्ति अगर एड्स जैसी बीमारी से जूझ रहा है तो उसके लिए अश्वगंधा घातक हो सकता है।
- मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित मरीजों को भी हरगिज इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- इसके अत्यधिक सेवन से रक्तचाप के असंतुलित होने की भी समस्या हो जाती है।
- इससे आपका वजन भी बढ़ सकता है।
- इसका अधिक सेवन करने से पेट में दर्द भी हो सकता है।
- अश्वगंधा के प्रयोग से आपकी किडनी में घाव हो सकते हैं।
- यदि आप किसी प्रकार की दवाइयां ले रहे हैं तो अश्वगंधा का सेवन न करें।
- अश्वगंधा का इस्तेमाल नींद के लिए अच्छा है. लेकिन इसका बहुत दिनों तक इस्तेमाल आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है।
अश्वगंधा का सेवन किसी डॉक्टर या एक्सपर्ट से सलाह लेने के बाद ही करें। साथ ही अपनी मेडिकल स्थिति के बारे में डॉक्टर को बताएं।
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